तिरहुत डेस्क (नई दिल्ली)। बिहार विधानसभा की दो सीटों पर हुए चुनाव के नतीजे रविवार को आ गए हैं। इस उपचुनाव में मुकाबला बराबरी का रहा है, भाजपा और आरजेडी दोनों अपनी अपनी सीट बचाने में सफल रही है। जेल की सलाखों के पीछे से मोकामा के कद्दावर नेता अनंत सिंह ने आखिर कार अपना दबदबा और जनता के अपने प्रति प्रेम को साबित कर दिया है। मोकामा सीट से अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी राजद की टिकट पर चुनाव जीत गई हैं। और मोकामा सीट पर एक बार फिर से आरजेडी का कब्जा हो गया है। वहीं गोपालगंज सीट पर एक बार फिर से भाजपा का कब्जा हो गया है। विदित हो कि भाजपा विधायक सुभाष सिंह के निधन से खाली गोपालगंज की विधानसभा सीट पर जनता ने उनकी पत्नी कुसुम देवी को विधायक बनाया है। दोनों सीट पहले इन्हीं दोनों दलों के पास थी और सीधा मुकाबला भी इन्हीं दोनों पार्टियों के बीच रहा। आखिरकार मोकामा सीट पर आरजेडी की उम्मीदवार नीलम देवी ने जीत हासिल की जबकि दूसरी तरफ गोपालगंज में बीजेपी प्रत्याशी कुसुम देवी ने आरजेडी उम्मीदवार को हरा दिया है।
मोकामा और गोपालगंज का उप चुनाव कई मायनों में बेहद खास रहा है। इन दोनों सीटों पर पहले पुरुष विधायक हुआ करते थे लेकिन अब दोनों ही सीटों पर महिला विधायक जीतकर सदन में पहुंच रही हैं। खास बात यह भी है चुनाव में जीत हासिल करने वाली इन दोनों महिला विधायकों के पति पहले इसी सीट से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। पूर्व मंत्री और बीजेपी के विधायक रहे सुभाष सिंह के निधन के बाद गोपालगंज में चुनाव कराया गया था। यहां उनकी पत्नी कुसुम देवी की जीत हुई है जबकि पूर्व विधायक अनंत सिंह की सदस्यता चली जाने के बाद मोकामा में चुनाव कराया गया और अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी ने चुनाव में जीत हासिल की है।
एक बात और जनता में चर्चा का विषय बनी हुई है कि गोपाल गंज सीट पर भाजपा की जीत का कारण पूर्व सांसद शहाबुद्दीन के कुंबे की राजद से नाराजगी है। लोगों का मानना है कि शहाबुद्दीन की मृत्यु के बाद राजद ने उनके परिवार को सियासी सम्मान नहीं दिया है जिसके कारण गोपालगंज के राजद वोटरों में बिखराव हुआ है। लेकिन जीत हार के अंतर को देख कर ऐसा नहीं लगता, गोपालगंज में राजद प्रत्याशी ने भाजपा को कड़ी टककर दी है।