Saturday, September 21, 2024

बिहार के गोपालगंज में हफ्ते भर में मिले 6 राष्ट्रीय पक्षी के शव

तिरहुत डेस्क (नई दिल्ली)। बिहार के गोपालगंज जिले के नदी के तट पर बसे दो से तीन गांवों में राष्ट्रीय पक्षी मोरों के शव बरामद किए जाने के बाद वन विभाग और जिला प्रशासन सजग हुआ है। गोपालगंज के जिलाधिकारी ने वन विभाग से इसे लेकर उठाए गए कदमों को लेकर पूरी रिपोर्ट मांगी है। आशंका व्यक्त की जा रही है कि नदियों के किनारे बसेरा बना कर रह रहे मोरों पर शिकारियों की बुरी नजर पड़ गई है।

बताया जा रहा है कि वन और पर्यावरण मंत्री तेज प्रताप यादव के गृह जिला में पिछले 8 दिनों में एक-एक कर 6 राष्ट्रीय पक्षी के शव मिल चुके हैं। वन विभाग के अधिकारी बताते हैं कि इन सभी शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।

अधिकारियों का कहना है कि इस साल 6 जनवरी को 5 राष्ट्रीय पक्षी मोर का शव वन विभाग ने जगतौली गांव से बरामद किया था, जबकि शनिवार को भोरे प्रखंड के हुस्सेपुर से एक मोरनी का शव मिला।

इन सभी पक्षियों के शवों को तिरंगे में लपेटकर वन विभाग की टीम ले गई और पोस्टमार्टम कराने के बाद उसे दफना दिया गया।

इधर ग्रामीण बताते हैं कि उत्तर प्रदेश से निकलने वाली झरही और खनुआ नदी है। नदी के किनारे बसे गांव हुस्सेपुर, खेदुआपुर और जगतौली गांव में राष्ट्रीय पक्षी मोर का बसेरा है। ग्रामीणों का दावा है कि यहां सालों से राष्ट्रीय पक्षी मोर काफी संख्या में हैं। उन्होंने कहा कि कुछ महीनों से इनपर शिकारियों की नजर पड़ गई है और वे इसे निशाना बना रहे हैं।

हालांकि वन विभाग मोरों के मरने का सही कारण बताने में असमर्थ है। विभाग के अधिकारी कहते हैं कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मरने के सही कारणों की जानकारी मिल सकती है।

इधर, गोपालगंज के जिलाधिकारी नवल किशोर चौधरी ने वन विभाग को पूरे मामले में जांच करने के निर्देश दिए हैं।

उन्होंने कहा कि वन विभाग की टीम राष्ट्रीय पक्षी मोर की मौत के मामले की जांच कर रही है। इस इलाके में कितने राष्ट्रीय पक्षी मोर है इसकी जानकारी वन विभाग के पास भी नहीं है। वन विभाग मोर के संरक्षण के लिए क्या कदम उठा रही, इसकी भी जानकारी जिलाधिकारी ने वन विभाग से मांगी है।

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