तिरहुत डेस्क (नई दिल्ली)। भाजपा ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज मामले में सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई का हवाला देते हुए आरोप लगाया है कि भारत के लोकतंत्र का सिर शर्म से झुक गया है और राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को तुरंत अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने पार्टी मुख्यालय में मीडिया को संबोधित करते हुए दावा किया कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज में चल रही सुनवाई के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने ममता बनर्जी से पूछा कि क्या वह अब भी अपने पद पर बनी रहना चाहती हैं?
भाटिया ने कहा कि अब निष्पक्ष जांच के लिए ममता बनर्जी को तुरंत मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। ममता बनर्जी को सब कुछ पता था। वह अपराधियों को बचाने और सबूत को मिटाने में लिप्त थी, इसलिए उनका पॉलीग्राफ टेस्ट भी होना चाहिए और उन्हें गिरफ्तार भी किया जाना चाहिए ताकि सच्चाई सामने आए।
उन्होंने कहा कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को करीब दो घंटे सुनवाई चली। इस घटना से पूरे भारत के लोकतंत्र का सिर शर्म से झुक गया, लेकिन ‘निर्ममता बनर्जी’ को शर्म नहीं आई। आज की सुनवाई में एक तरफ संविधान के रक्षक और दूसरी तरफ संविधान के भक्षक के बीच लड़ाई हो रही थी। उन्होंने पीड़िता के परिवार के साथ खड़ा होना सही नहीं समझा, वो रेपिस्ट के साथ खड़ी हो सकती हैं। सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्ट रूप से कह दिया है कि हमारे डॉक्टरों और महिलाओं का विश्वास सरकार पर बना रहना चाहिए, आप उनको सुरक्षा प्रदान करिए। उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी ममता बनर्जी पर है। अब वो क्या करेंगी, ये एक बड़ा सवाल है।
उन्होंने कोलकाता के कमिश्नर विनीत गोयल को भी पद से बर्खास्त करने की मांग की। उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और कोलकाता के कमिश्नर विनीत गोयल एवं आरजी कर मेडिकल कॉलेज के उस समय के प्रिंसिपल रहे डॉ. संदीप घोष के बीच हुई बातचीत के कॉल रिकॉर्ड को भी सार्वजनिक करने की मांग की। भाजपा प्रवक्ता ने एफआईआर दर्ज करने में 14 घंटे की देरी, आनन-फानन में उसी अस्पताल में पोस्टमार्टम कराने, सिर्फ 27 मिनट का सीसीटीवी फुटेज देने और पीड़िता के पिता के आरोपों को लेकर भी ममता बनर्जी पर जमकर निशाना साधा।
राहुल गांधी के बयानों को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए गौरव भाटिया ने कहा कि राहुल गांधी एक अपरिपक्व और पार्ट टाइम नेता हैं, ये सब जानते थे। लेकिन, विपक्ष के नेता बनने के बाद एक बड़ी जिम्मेदारी उनके कंधों पर जनता ने दी है। लेकिन, आज यह कहते हुए दुख हो रहा है कि राहुल गांधी भारत के लोकतंत्र में काला धब्बा हैं। उनको यह भी नहीं पता है कि विदेशी भूमि पर जाकर क्या बात करनी है। जिस संविधान को पकड़ कर वह घूमते हैं, उस संविधान को उन्होंने कभी पढ़ा ही नहीं है।
भाटिया ने आगे कहा कि राहुल गांधी चीन के खिलाफ एक शब्द, एक वक्तव्य नहीं दे पाए, लेकिन वह भारत को कमजोर बताते हैं और भारतीय सेना के बारे में अपशब्दों का इस्तेमाल करते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने चीन के साथ जो एमओयू साइन किया था, उसी की शर्तों के तहत राहुल गांधी भारत के लोकतंत्र को कमजोर करने के लिए इस तरह का बयान दे रहे हैं और अगर ऐसा नहीं है तो राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे को चीन के साथ किए गए उस एमओयू को सार्वजनिक करना चाहिए।
जवाहर सरकार के इस्तीफे को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए भाटिया ने कहा कि पश्चिम बंगाल में जो कुछ भी हुआ है, उसे लेकर बंगाल की जनता में, देश की जनता में और टीएमसी के नेताओं में भी आक्रोश है। जवाहर सरकार टीएमसी के अकेले नेता नहीं हैं, जो दुखी हैं, बल्कि टीएमसी में कई और ऐसे नेता भी हैं, जो ममता बनर्जी द्वारा अपराधियों और बलात्कारियों को बचाने की वजह से बहुत दुखी हैं। आने वाले दिनों में इंसाफ के लिए टीएमसी भी टूट-फूट जाएगी।
देश में लगातार हो रही ट्रेन दुर्घटनाओं के पीछे साजिश के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि भारत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में इतना सक्षम है कि जो साजिश करते हैं, उनको नेस्तनाबूद कर खत्म कर दिया जाता है। यह चिंताजनक है कि सत्ता पाने की लालच में कुछ लोग और संस्थाएं देश में दंगा और अराजकता फैलाना चाहते हैं। इन पर कार्रवाई हो रही है और आगे भी होती रहेगी। विपक्षी दलों से यह सवाल बनता है कि मोहब्बत की दुकान की बात करने वाले ये लोग साजिश करने वालों के साथ क्यों खड़े हैं। उन्होंने जाकिर नाइक के बयान पर भी कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की।