Sunday, December 22, 2024

बिहार में सियासी मुद्दा बनी महंगाई, राजनीतिक दल लगातार उठा रहे मुद्दा

तिरहुत डेस्क (नई दिल्ली)। बढ़ती महंगाई बिहार के राजनीतिक दलों के लिए अब बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है। विपक्ष के साथ ही सत्ता पक्ष के गठबंधन के घटक दल भी इस मुद्दे को लेकर सरकार को घेरने से नहीं चूक रहे हैं। विपक्ष इस मुद्दे को लेकर आम आदमी से सीधे जुड़ने के प्रयास में जुटी हैं। इस मुद्दे को लेकर विपक्षी दलों के महागठबंधन में शामिल राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस के कार्यकर्ता और नेता सड़क पर उतर चुके हैं।

माना जा रहा है कि महंगाई सीधे आम आदमी से जुड़ा मामला है, इस कारण इस मुद्दे को भंजाने में जुटी है। जनता खुद को इस समस्या से जोड़कर देखती है, इसलिए इस मुद्दे पर विपक्ष को जहां ताकत मिल रही है, वहीं सरकार के लिए जवाब देना मुश्किल हो रहा है।

बिहार सरकार में शामिल विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) और हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) ने महंगाई को लेकर अपनी बुलंद की है।

महंगाई को लेकर से पूर्व मुख्यमंत्री और हम के प्रमुख जीतनराम मांझी ने कहा कि महंगाई से सभी लोग परेशान हैं। यह सही है कि महंगाई चरम पर पहुंच गई है। लोगों के लिए जीवनयापन बेहद कठिन होता जा रहा है। खास तौर पर गरीबों के लिए तो दो वक्त की रोटी भी मुश्किल हो रही है।

उन्होंने केन्द्र सरकार और प्रदेश सरकार से महंगाई पर जल्द नियंत्रण करने की मांग की है।

उन्होंने पेट्रोलियम पदाथरें में टैक्स कम करने की भी जरूरत बताई थी।

वीआईपी ने भी महंगाई की बात मानी है। इधर, विपक्ष महंगाई को लेकर सरकार पर निशाना साधता रहा है। राजद जहां महंगाई को लेकर राज्यव्यापी प्रदर्शन के दौरान प्रखंड और जिला मुख्यालयों में प्रदर्शन कर सरकार को घेरने की कोशिश की वहीं कांग्रेस साइकिल रैली कर महंगाई के विरोध में अपनी आवाज बुलंद की।

बिहार कांग्रेस के अयक्ष डॉ. मदन मोहन झा कहते हैं कि केंद्र की मोदी सरकार ने देश को सत्ता प्राप्ति से ही अस्थिर कर रखा है। उनके फैसले लगातार जनाकांक्षाओं के विपरीत रहते हैं।

बहरहाल, महंगाई के मुद्दे को लेकर विपक्ष तो सरकार पर निशाना साध ही रहा है, सत्ता पक्ष भी इस मुद्दे को लेकर जनता से जुड़ने में जुटा है।

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