तिरहुत डेस्क (नई दिल्ली)। बिहार में एक विशेष राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) अदालत ने पूर्वी चंपारण नकली नोट मामले में छठे आरोपी को दोषी ठहराया है।
मुन्ना सिंह (64) को आईपीसी की धारा 120बी और 489बी और यूएपीए की धारा 16, 18, 20 और 21 के तहत दायर आरोपों में दोषी ठहराया गया है। सजा 11 सितंबर को सुनाई जाएगी।
मामला मूल रूप से 19 सितंबर 2015 को दर्ज किया गया था और उसी वर्ष 23 दिसंबर को एनआईए ने इसे जांच अपने हाथों में ले ली थी। तब से, एनआईए ने आठ आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया है, जिनमें से पांच को पहले ही दोषी ठहराया जा चुका था।
अफ़रोज़ अंसारी नाम के व्यक्ति से 5,94,000 रुपये मूल्य के उच्च गुणवत्ता वाले नकली भारतीय मुद्रा नोट (FICN) की जब्ती से संबंधित मामले में कुल 10 आरोपी शामिल थे।
राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने उसे पूर्वी चंपारण के मोतिहारी के रामगढ़वा के पास से पकड़ा था, जब वह नकली नोटों की खेप नेपाल में आगे डिलीवरी के लिए भारत-नेपाल सीमा के पास रक्सौल ले जा रहा था। बाद में इस मामले को एनआईए ने अपने हाथ में ले लिया।
जांच के दौरान, एनआईए ने 2016 और 2023 के बीच कुल आठ लोगों को गिरफ्तार किया और आरोप पत्र दायर किया। अक्टूबर 2018 में एनआईए विशेष अदालत द्वारा चार आरोपियों, अफ़रोज़ अंसारी, सनी कुमार उर्फ कबीर खान, अशरफुल आलम और अलोमगीर शेख को दोषी ठहराया गया और 30 हजार रुपये जुर्माने के साथ आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।
एक अन्य आरोपी रईसुद्दीन को पिछले महीने पांच साल के कठोर कारावास और 5000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई।
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