तिरहुत डेस्क (नई दिल्ली)। आरक्षण की अड़चनों और सुप्रीम कोर्ट की कभी हां कभी ना के बीच आखिरकार बिहार निकाय चुनाव का रास्ता साफ हो गया है। पूरे बिहार में 18 और 28 दिसंबर को नगर निकाय का होना तय हो गया है। सारे प्रत्याशी पूरे जोर शोर और उत्साह के साथ चुनावी मैदान में पूरे दम खम के साथ कूद पड़े हैं। विदित हो कि बिहार नगर निकाय चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट से रोक का खतरा मंडरा रहा था। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में बड़ा फैसला दिया था कि अति पिछड़ा वर्ग आयोग को डेडिकेटेड कमीशन नहीं माना जा सकता है। ऐसे में ये लग रहा था कि सुप्रीम कोर्ट 18 और 28 दिसंबर को होने वाले निकाय चुनाव पर रोक लगा सकता है। लेकिन अब खुशी भरी खबर सामने आ रही है कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के लिए 20 जनवरी 2023 का डेट तय किया है। जाहिर है जब सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई करेगा तब तक बिहार में नगर निकाय चुनाव संपन्न हो चुका होगा। ज्ञात हो कि इससे पहले 28 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि बिहार अति पिछडा वर्ग आयोग को डेडिकेटेड कमीशन नहीं माना जा सकता है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश में एक टाइपिंग मिस्टेक हुआ था और एक्सट्रीमली बैकवार्ड क्लास कमीशन के बजाय इकोनॉमिकल बैकवार्ड क्लास कमीशन टाइप हो गया था। 1 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने नया आदेश निकाल कर कहा कि उसने एक्सट्रीमली बैकवार्ड क्लास कमीशन( अति पिछडा वर्ग आयोग) को डेडिकेटेड कमीशन नहीं मानने की बात कही है।
सुप्रीम कोर्ट के रूख को देखते हुए पूरी संभावना नजर आ रही थी कि बिहार में फिर से नगर निकाय चुनाव टलने जा रहा है. लेकिन 5 दिसंबर को याचिका दायर करने वाले सुनील कुमार की ओर से उनके वकील फिर से कोर्ट में पेश हुए. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने आदेश निकाला है. सुप्रीम कोर्ट ने 5 दिसंबर को अपने नये आदेश में कहा है कि याचिका दायर करने वाले सुनील कुमार की अधिवक्ता मीनाक्षी अरोड़ा की दलीलें सुनने के बाद इस केस की सुनवाई की अगली तारीख 20 जनवरी 2023 तय की जाती है।जाहिर है जब सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई करेगा तब तक बिहार में नगर निकाय चुनाव की सारी प्रक्रिया पूरी हो चुकी होगी. बिहार में राज्य निर्वाचन आयोग ने 18 और 28 दिसंबर को दो चरणों में चुनाव कराने का एलान किया है. 30 दिसंबर तक दोनों चरणों के चुनाव परिणाम घोषित कर दिये जायेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उसके बाद सुनवाई की तारीख रखी है. जाहिर है ऐसे में अब चुनावी प्रक्रिया टलने के आसार खत्म हो गये हैं।