तिरहुत डेस्क (नई दिल्ली)। जम्मू-कश्मीर में बुधवार को पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद के समर्थकों ने राज्य कांग्रेस के कामकाज पर ‘नाराजगी’ जताने के बाद पार्टी से इस्तीफा दे दिया।
आजाद के समर्थकों की ओर से इस्तीफा देने के बाद जम्मू-कश्मीर कांग्रेस में तनाव की स्थिति पैदा हो गई है।
सूत्रों के मुताबिक, कुछ नेताओं – जी. एम. सरूरी, विकार रसूल वानी, जे. के. शर्मा, एम. एल. शर्मा, नरेश गुप्ता, गुलाम नबी मोंगा, सुभाष गुप्ता, अमीन भट और अनवर भट ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी और राज्य प्रभारी रजनी पाटिल को अपना इस्तीफा भेज दिया है।
सरूरी के करीबी सूत्रों ने कहा कि जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी (जेकेपीसीसी) के अध्यक्ष गुलाम अहमद मीर को बदलने की लंबे समय से मांग की जा रही है।
राज्य के नेता मीर के कामकाज की शैली और उनके और उनके बेटे के लोकसभा और जिला विकास परिषद चुनाव हारने के बावजूद इस पद पर बने रहने से नाराज हैं।
सूत्रों के मुताबिक केंद्र शासित प्रदेश में पार्टी की बदहाली को नजरंदाज करने को लेकर पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के खिलाफ भी नाराजगी है। नेताओं ने अपने त्याग पत्र में नाराजगी व्यक्त करते हुए लिखा है कि चाटुकारों ने राज्य कांग्रेस के कामकाज पर कब्जा कर लिया है।
मीर ने अभी तक पार्टी में नवीनतम घटनाक्रम पर किए गए मैसेज का जवाब नहीं दिया है।
कांग्रेस पहले से ही प्रमुख राज्यों में आपसी फूट और कलह से जूझ रही है और जम्मू-कश्मीर में नया राजनीतिक घटनाक्रम उसकी समस्याओं को और बढ़ा देगा।