तिरहुत डेस्क (नई दिल्ली)। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को यह आरोप लगाने के कुछ मिनट बाद अपने आवास पर धरने पर बैठ गए कि उनके विरोधियों ने उन्हें अपने पिता के साथ समय बिताने से रोक दिया, जिन्हें वह हवाई अड्डे पर लेने गए थे।
हालांकि प्रसाद अपनी पत्नी राबड़ी देवी के साथ तेज प्रताप यादव के घर पहुंचे, तब जाकर उन्होंने धरना खत्म किया। यादव ने कार में बैठे अपने पिता के पैर धोए, जिसके बाद वह वापस लौट गए।
इसके बाद पत्रकारों से बात करते हुए तेज प्रताप यादव ने कहा, ‘देखिये, मैंने अपने पिता के स्वागत के लिये किस तरह अपने घर को सजाया था, जो मामलों के चलते लंबे समय तक मुझसे दूर रहे । उन्हें उनके विरोधियों ने इन मामलों में फंसाया था। ‘
इससे पहले, तेज प्रताप यादव तीन साल बाद पटना लौटे अपने पिता लालू से मिलने मां के आवास 10, सर्कुलर रोड पहुंचे थे, लेकिन वहां उन्हें प्रवेश नहीं करने दिया गया । तब वह कुछ सौ मीटर दूर अपने आवास पर लौटे गए। कुछ देर बाद वह अपने समर्थकों के साथ आए और धरने पर बैठ गए। उनके समर्थकों के हाथों में ‘छात्र जनशक्ति परिषद’ के झंडे थे।
यादव ने पत्रकारों से कहा, ‘मैं बेहद नाराज हूं। जगदानंद सिंह (राजद अध्यक्ष) आरएसएस के आदमी हैं, जो मेरा अपमान करते रहते हैं। और मैं अपने छोटे भाई तेजस्वी को भी आगाह करता हूं। मैं अक्सर कहता हूं कि वह (तेजस्वी) अर्जुन की तरह और मैं भगवान कृष्ण की तरह हूं। उसका जो हक है उसे पाने में उसकी मदद करने के लिए प्रतिबद्ध हूं। लेकिन उसे इस बात का एहसास होना चाहिए कि वह अब वह बच्चा नहीं है। अगर पार्टी इसी तरह से चलती रही, तो वह कभी मुख्यमंत्री नहीं बन पाएगा।’
बिहार में राजद की प्रमुख प्रतिद्वंदी भाजपा ने मौके को भांपते हुए चुटकी लेने की कोशिश की।
भाजपा ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव और राज्य के प्रवक्ता निखिल आनंद ने तेज प्रताप यादव के ‘अपमान’ को उनकी पत्नी ऐश्वर्या के साथ उनके कटु वैवाहिक विवाद से जोड़ा, जिनके पिता चंद्रिका रॉय अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जद (यू) के साथ हैं।
आनंद ने कहा, “जिन परिवार के सदस्यों ने ऐश्वर्या को अपमानित करने में तेज प्रताप यादव का समर्थन किया था, उन्होंने अब उनसे मुंह मोड़ लिया है और उनके साथ ऐसा व्यवहार कर रहे हैं जैसे कि वह एक पागल हों। तेज प्रताप राजनीतिक रूप से परिपक्व हैं, लेकिन बड़े बेटे होने के बावजूद उन्हें अपने ही पिता द्वारा स्थापित पार्टी में दरकिनार कर दिया गया है। वह खुद के खिलाफ साजिश को कभी नहीं समझ सके।’
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