तिरहुत डेस्क (नई दिल्ली)। शिवसेना प्रवक्ता संजय निरुपम ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर बड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि सबसे पहले मैं यह स्पष्ट कर दूं कि भारत की ओर से कोई युद्ध शुरू नहीं किया गया था। जो हुआ, वह आतंकवादी ठिकानों को नष्ट करने के उद्देश्य से की गई सैन्य कार्रवाई थी, जिसे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ कहा गया। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पहले हुए आतंकवादी हमले के प्रतिशोध के रूप में किया गया था और इसके सभी साक्ष्य और प्रमाण उपलब्ध हैं।
निरुपम ने कहा, “शिमला समझौता अब रद्दी के ढेर से ज्यादा कुछ नहीं है। भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध नए संदर्भों में देखे जाने चाहिए। शिमला समझौते को आधार मानकर अब बात करना उचित नहीं है। अगर हम शिमला समझौते को अब भी मानते हैं तो भारत और पाकिस्तान बहुत आगे बढ़ चुके हैं। आपको पाकिस्तान से नए संदर्भों में बात करने की जरूरत है।”
उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से की गई युद्धविराम की घोषणा पर भी टिप्पणी की। निरुपम ने स्पष्ट किया, “डोनाल्ड ट्रंप ने जल्दबाजी में युद्ध विराम की घोषणा की, लेकिन जहां तक हमारा सवाल है, हमारी तरफ से कोई युद्ध शुरू नहीं हुआ। हम मूल रूप से या तो उन्हें रोक रहे थे या उनके जवाबी हमले का मुकाबला कर रहे थे। हमारी सेना ने आतंकवादियों को रोकने और उनके जवाबी हमलों का मुकाबला करने के लिए यह कदम उठाया। अभी तक प्रधानमंत्री की तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।”
शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए निरुपम ने तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा, “जहां संजय राउत की सोच खत्म होती है, वहां से प्रधानमंत्री मोदी की सोच शुरू होती है। पाकिस्तान और हमारे विपक्ष के बयान एक जैसे हैं। भारत ने युद्ध की घोषणा नहीं की थी, इसलिए युद्धविराम जैसी कोई बात नहीं है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ अभी जारी है।”
निरुपम ने दावा किया कि भारतीय सेना ने आतंकी ठिकानों को नष्ट करने के साथ-साथ पाकिस्तान के एयरबेस को भी तबाह किया, जिसके सबूत पूरी दुनिया ने देखे। उन्होंने पाकिस्तान पर फर्जी नैरेटिव के जरिए अपनी जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया।
निरुपम ने कहा, “पाकिस्तान के पास भारत की इस कार्रवाई का कोई जवाब नहीं है। वे केवल झूठे दावों के सहारे अपनी जनता को खुश करने की कोशिश कर रहे हैं। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने आतंकवाद के खिलाफ भारत के मजबूत रुख को दर्शाया है। इस कार्रवाई ने न केवल आतंकी ठिकानों को नष्ट किया, बल्कि पाकिस्तान को यह संदेश भी दिया कि भारत अपनी सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं करेगा।”
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