तिरहुत डेस्क (नई दिल्ली)। तीनों सेनाओं में भर्ती की केंद्र सरकार की ‘अग्निपथ’ योजना की वापसी की मांग को लेकर शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी में आईटीओ पर वाम दल समर्थित ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) के सदस्यों और आम आदमी पार्टी (आप) के छात्र संगठन छात्र युवा संघर्ष समिति ने विरोध प्रदर्शन किया।
सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते ये छात्र आईटीओ दिल्ली मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर 5 से पुरानी दिल्ली पुलिस मुख्यालय के बीच सड़क पर धरने पर बैठ गये। दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने बताया है कि आईटीओ मेट्रो स्टेशन और ढांसा बस स्टैंड मेट्रो स्टेशन के सभी दरवाजे प्रदर्शन के कारण बंद कर दिये गये हैं। इसके अलावा दिल्ली गेट और जामा मस्जिद मेट्रो स्टेशन के दरवाजे भी बंद हैं।
छात्रों की बढ़ती संख्या को देखते हुए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल सहित सुरक्षाबल के जवानों ने उन्हें धरने से उठाया। कई प्रदर्शकारियों को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि उन्हें अनुबंध की नौकरी नहीं चाहिए। उसने कहा, ”हम उसके बाद क्या करेंगे। हमारा जीवन और करियर दोनों दांव पर लगा है। सरकार को इसे वापस लेना चाहिए।”
आइसा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एन साई बालाजी ने कहा कि सरकार सेना के पेशेवर रवैये और देश की सुरक्षा को चुनौती देने वाली नीति के खिलाफ विरोध के आवाजों को चुप नहीं करा सकती है। यह योजना उन युवाओं के जीवन को बर्बाद करेगी जो अनुबंध के तहत सेना का हिस्सा बनने के लिए नियुक्त किए जाएंगे।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार को तीनों सेनाओं में भर्ती के लिए ‘अग्निपथ’ भर्ती योजना को मंजूरी दी थी। इस चयन प्रक्रिया तहत नियुक्त किए जाने वाले जवानों को ‘अग्निवीर’ के नाम से जाना जाएगा। इस साल करीब 46,000 ‘अग्निवीर’ की भर्ती होगी।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का कहना है कि यह योजना एक परिवर्तनकारी पहल है और इसके तहत युवाओं को सेना में जाने का मौका मिलेगा। इससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और सशस्त्र सेना में युवाओं की संख्या बढ़ेगी।
सरकार द्वारा परिवर्तनकारी और ऐतिहासिक कदम कही जा रही इस ‘अग्निपथ’ योजना का लेकिन देश के कई राज्यों में व्यापक स्तर पर विरोध हो रहा है।