तिरहुत डेस्क (नई दिल्ली)। बिहार के पश्चिम चंपारण जिले के लौरिया प्रखंड में पिछले दो दिनों में संदिग्ध रूप से जहरीली शराब पीने से कम से कम आठ लोगों की मौत हो गई है जबकि कई लोगों का इलाज अभी भी चल रहा है। ग्रामीण इसे जहरीली शराब पीने के कारण मौत बता रहे हैं। इस बीच, इस मामले की एक प्राथमिकी भी लौरिया थाना में दर्ज कर ली गई है।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि गुरुवार को लौरिया प्रखंड में आठ लोगों की मौत की खबर आई थी। ग्रामीण इसे जहरीली शराब पीने से मौत का मामला बता रहे हैं।
चंपारण प्रक्षेत्र के पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) ललन मोहन प्रसाद ने शुक्रवार को बताया कि इस मामले में पीड़ित एक व्यक्ति के बयान पर लौरिया थाना में एक प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। दर्ज प्राथमिकी में दो लोगों को आरोपी बनाया गया है।
उन्होंने कहा कि दर्ज प्राथमिकी में जहरीली शराब से मरने का आरोप लगाया गया है।
इधर, ग्रामीण नाम नहीं प्रकाशित करने की शर्त पर बताते हैं कि देउरवा गांव में शराब बनाने का काम चलता है, जहां लोगों ने मंगलवार को शराब पी थी और सभी की तबियत बिगडने लगी ।
ग्रामीणों के मुताबिक मरने वालों में देउरवा गांव के रहने वाले बिकाउ अंसारी, लतीफ मियां, रामवृक्ष चैधरी, बुलाई गांव के नईम हाजम, सीतापुर गांव के भगवान पांडा, जोगिया गांव के सुरेष साह, बगही के रातुल मियां और गौनही के झुन्ना मियां शामिल हैं।
इधर, कई लोगों का इलाज विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है।
ग्रामीण कहते हैं कि कई पीड़ितों ने अपनी आंख की रोशनी खो चुके हैं। कहा जा रहा है कि बिहार में शराब की बिक्री और सेवन पर पूर्ण प्रतिबंध है, जिस कारण डर से लोग अधिकांश शवों का अंतिम संस्कार कर चुके हैं।
कहा जा रहा है कि मौत का आंकड़ा बढ भी सकता है।
डीआईजी ललन मोहन प्रसाद कहते हैं कि पुलिस पूरे मामले की छानबीन कर रही है। उन्होंने कहा कि जो भी दोषी होगा उसे बख्शा नहीं जाएगा।
उल्लेखनीय है कि 2016 में गोपालगंज में जहरीली शराब पीने से 19 लोगों की मौत हो गई थी।