तिरहुत डेस्क (नई दिल्ली)। छपरा और सीवान में जहरीली शराब पीने से कई लोगों की मौत हो गई है। बिहार सरकार ने इस मामले में सीवान, छपरा के चौकी इंजार्च को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
बिहार सरकार में मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के मंत्री रत्नेश सदा ने गुरुवार को आईएएनएस से बात की। बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि दो दर्जन से अधिक लोगों की मौत नहीं हुई है।
मौत के आंकड़ों के लेकर उन्होंने कहा, मैं एक बात स्पष्ट तौर पर कह देना चाहता हूं जो भी इसके पीछे लोग होंगे उन्हें किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। पूरे मामले की जांच के लिए एसआईटी टीम गठित कर दी गई है। मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के अधिकारी कैंप कर रहे हैं। जिन लोगों को उपचार की जरूरत है उन्हें स्थानीय अस्पतालों व पटना अस्पताल में इलाज के लिए भेजा जा रहा है।
उन्होंने कहा, मेरे पास जो आंकड़े आए हैं। जिसमें सीवान में 6 सारण में 2 लोगों की मौत हुई है। 17 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। 22 लोगों का इलाज किया जा रहा है। 3 लोगों की आंखों की रोशनी चली गई है।
बिहार में शराबबंदी कानून होने के बाद भी भारी मात्रा में जहरीली शराब का निर्माण किया जा रहा है। सरकार से कहां पर चूक हो रही है। इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, बिहार के लोगों को शराब से दूरी बनानी चाहिए। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार के लोगों को बचाने के लिए शराबबंदी कानून बनाया। समाज को शराब के प्रति जागरूक होने की जरूरत है।
सरकार की ओर से चलाए जा रहे अभियान से लोग जागरूक नहीं हो रहे हैं। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा, मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग की ओर से 12 जिलों में शराब के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। औरंगाबाद, रोहतास में अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने कहा, समाज सुधर रहा है। लेकिन और जागरूक होने की जरूरत है। छपरा, सीवान मामले में जो भी दोषी होंगे, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।