तिरहुत डेस्क (नई दिल्ली)। बिहार में चल रहे ग्राम पंचायत चुनाव में कई पंचायतों में दिलचस्प मामले देखने को सामने आ रहे हैं। जिले के बरौली प्रखंड के माधोपुर पंचायत में ऐसा ही एक मामला देखने को मिला। यहां चुनाव में सबकी निगाहें मुखिया पद के हो रहे चुनाव को लेकर था। इस पद के लिए मुख्य मुकाबला पिता और पुत्र के बीच था, जिसमें अंतत: पुत्र की जीत हुई। बिहार में चल रहे पंचायत चुनाव के दसवें चरण में संपन्न हुए चुनाव की मतों की गणना शुक्रवार को हुई। माधोपुर पंचायत में पिता और उनका छोटा पुत्र मुखिया पद के लिए आमने-सामने चुनाव मैदान में थे।
माधोपुर पंचायत में निवर्तमान मुखिया विजय प्रसाद को उनके छोटे बेटे संतोष कुमार गुप्ता ने शिकस्त दी। संतोष प्रसाद को 1981 वोट मिले और विजय प्रसाद 900 वोट पाकर तीसरे स्थान पर चले गए।
नवनिर्वाचित मुखिया संतोष कुमार बताते हैं कि उनके पिता की ओर से पंचायत में जो भी विकास काम किया जा रहा था, उसके ही सहयोग से किया गया था। वह अपने पिता के हर कार्य में सहयोग बंटा रहा था। लेकिन कुछ सालों से उसके पिता विजय प्रसाद अपने बड़े बेटे से प्रभावित होकर पंचायत में विकास कार्य नहीं कर पा रहे थे। जिसके परिणाम स्वरूप वह खुद पंचायत में विकास करने के लिए चुनाव मैदान में उतर गया था।
इधर, चुनाव परिणाम आने के बाद संतोष कुमार के समर्थकों में खुशी की लहर दौड गई। इस पंचायत में मुखिया पद के लिए इस चुनाव में सभी की निगाहें इस पिता-पुत्र पर थी।
नवनिर्वाचित मुखिया ने कहा कि पंचायत की समस्याओं का समाधान करना है।
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