तिरहुत डेस्क (नई दिल्ली)। बिहार सरकार ने शनिवार को उन 11 सदस्यों की सूची जारी की, जो जाति आधारित जनगणना के मुद्दे पर चर्चा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाला प्रतिनिधिमंडल 23 अगस्त को सुबह 11 बजे नई दिल्ली में पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेगा। प्रतिनिधिमंडल में नीतीश कुमार के अलावा हर राजनीतिक दल के एक सदस्य को शामिल किया गया है।
दिलचस्प बात यह है कि भाजपा की बिहार इकाई दो उपमुख्यमंत्रियों या भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल सहित अपने वरिष्ठ नेताओं को नहीं भेज रही है। नीतीश कुमार सरकार में कैबिनेट मंत्री जनक राम प्रतिनिधिमंडल में भाजपा की बिहार इकाई का प्रतिनिधित्व करेंगे।
उनके अलावा राजद के तेजस्वी यादव, विजय चौधरी (जदयू), जीतन राम मांझी (हम), मुकेश साहनी (वीआईपी), अजीत शर्मा (कांग्रेस), अख्तरुल इमाम (एआईएमआईएम), महबूब अल (सीपीआई-एमएल), सूर्यकांत पासवान और अजय कुमार प्रधानमंत्री से मिलने वाले प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा होंगे।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस मुद्दे पर बैठक के लिए 4 अगस्त को राजद नेता तेजस्वी यादव की मांग पर पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था। तेजस्वी यादव और लालू प्रसाद देश में जाति आधारित जनगणना की मांग करते रहे हैं।
सूत्रों ने कहा है कि नीतीश कुमार पीएम नरेंद्र मोदी के सामने यह दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि 2015 के विधानसभा चुनाव की तुलना में विधानसभा में उनकी संख्या कम होने के बावजूद वह विपक्षी दलों के साथ संपर्क स्थापित करने में सक्षम हैं।
जाति आधारित जनगणना पर नीतीश कुमार सरकार का स्पष्ट रुख है। नीतीश कुमार पहले ही कह चुके हैं कि वे बिहार में होने वाली जाति आधारित जनगणना पर फैसला लेंगे, लेकिन पहले वह पीएम नरेंद्र मोदी के फैसले का इंतजार करेंगे। जदयू के दूसरे नेता पहले ही कह चुके हैं कि बिहार सरकार जाति आधारित जनगणना अपने दम पर कराने में सक्षम है।
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