Sunday, September 22, 2024

बिहार में 2 वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी आए आमने-सामने, शुरू हो गई सियासत

तिरहुत डेस्क (नई दिल्ली)। बिहार में अपनी दमदार छवि और कार्यों के प्रति संवेदनशील अधिकारी के रूप में चर्चित बिहार पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारी विकास वैभव के एक ट्वीट ने न केवल बिहार की सियासत को गर्म कर दिया, बल्कि अपने ही वरिष्ठ अधिकारी पर गाली देने का आरोप लगाया है।

इधर, वैभव ने लंबी छुट्टी पर जाने के लिए आवेदन दिया तो उनसे ही स्पष्टीकरण मांग लिया गया।

दरअसल, होमगार्ड और अग्निशमन विभाग में आईजी के पद पर तैनात विकास वैभव ने अपनी डीजी शोभा अहोतकर पर यह आरोप लगाया है कि उन्होंने फोन पर उन्हें गाली दी और बिहारी होने पर भी अपशब्द कहे।

विकास वैभव ने हालांकि वह ट्वीट डिलीट कर दिया है लेकिन अब यह मुद्दा काफी गर्म हो चुका है। अपने डीजी के व्यवहार से दुखी विकास वैभव ने 60 दिनों की छुट्टी का आवेदन किया था, जिसे महानिदेशक (डीजी) शोभा अहोतकर ने रद्द कर उनसे स्पष्टीकरण की मांग की है।

होम गार्ड और अग्निशमन सेवाएं के महानिदेशक शोभा अहोतकर की ओर से जारी नोटिस में कहा गया है कि विकास वैभव द्वारा किया गया ट्वीट वायरल हो रहा है, इसमें उन्होंने डीजी से गाली सुनने की बात कही है।

नोटिस में कहा है कि आईजी ने अपने वरीय अधिकारी पर बेबुनियाद आरोप लगा कर उनकी छवि धूमिल करने की कोशिश की है। उनकी ये हरकत अखिल भारतीय सेवा आचार नियमावली 1968 के नियमों का उल्लंघन है।

नोटिस में यह भी कहा गया है कि वायरल मैसेज में आपके द्वारा रिकॉडिर्ंग की भी बात कही गई है, जो यह बताता है कि बैठकों में की गई गोपनीय बातों की भी रिकॉडिर्ंग की गई, जो गलत मंशा का द्योतक है। नोटिस के अंत में कहा गया है कि क्यों नही आप पर अनुशासनिक कारवाई करने की अनुशंसा सरकार से की जाए।

इधर, आईजी वैभव भी पीछे हटने के मूड में नहीं हैं। उन्होंने शुक्रवार को अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर लिखा कि कभी-कभी सर्प भी मित्र बन सकता है, किन्तु दुष्ट को कभी मित्र नहीं बनाया जा सकता । शेषनाग पर शयन करने वाले हरि का भी दुर्योधन मित्र न बन सका !

इस बीच, दो आईपीएस अधिकारियों में खींचतान को लेकर अब सियासत गर्म हो गई है। विपक्ष लगातार सरकार पर निशाना साध रहा है।

भाजपा के प्रवक्ता मनोज शर्मा ने कहा कि बिहार सरकार गालीबाज अधिकारी चला रहे हैं। जिस तरह से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नियंत्रण सरकार से कमजोर होता जा रहा है। राजद का प्रभाव बढ़ रहा है। अधिकारी अपने से छोटे अधिकारी को कुछ नहीं समझ रहे हैं।

उन्होंने कहा कि विकास वैभव बिहार के सम्मानित अधिकारी है। उन्होंने आईपीएस की नौकरी अपनी प्रतिभा की वजह से ली है। यूपीएससी ने उन्हें होम कैडर इसलिए नहीं दिया कि उनकी प्रतिभा में कोई कमी थी।

लेकिन, नीतीश कुमार के बदजुबान अधिकारियों ने जिस तरह से गाली गलौज का माहौल बनाया है, उससे अच्छे अधिकारियों की मनोबल भी गिर रहा है। होमगार्ड की डीजी शोभा अहोतकर पर मुख्यमंत्री संज्ञान लें।

उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले आईएएस अधिकारी के के पाठक ने बिहारी अधिकारियों को गाली देकर संबोधित किया। बिहारियों को गाली दी। मुख्यमंत्री बिहारी अस्मिता की बात करते हैं, जब उनके अधिकारी इस तरह की बदजुबानी करते हैं तो आखिर वह संज्ञान क्यों नहीं ले रहे?

इधर, जदयू के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि इस पर मुख्यमंत्री को तत्काल संज्ञान लेना चाहिए। यह कैसे हो सकता है कि कोई बड़ा अधिकारी अपने अधीनस्थ अधिकारी को गाली दे।

यह भी पढ़े: बिहार में महिला पुलिसकर्मी की गोली मारकर हत्या, पुलिस जांच में जुटी

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