तिरहुत डेस्क (नई दिल्ली)। BSSC पेपर लीक मामले को लेकर परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों पर पटना में पुलिस ने जमकर लाठियां बरसाई हैं। इस घटना में कई बीएसएससी अभ्यर्थी घायल हुए हैं। वहीं इस दौरान कई छात्रों को हिरासत में भी लिया गया है। प्रदर्शनकारियों ने पटना कॉलेज गेट से मलाही पकरी, भिखना पहाड़ी होते हुए बीएसएससी कार्यालय तक के लिए पैदल मार्च निकाला। बीएसएससी परीक्षा का प्रश्न पेपर लीक मामले में अभ्यर्थी, एक्सपर्ट और महागठबंधन की कई पार्टियां भी यही मानती हैं कि परीक्षा रद्द होनी चाहिए। इससे पहले 29 दिसंबर को भी सोशल मीडिया पर छात्रों ने आंदोलन चलाया था.
बीएसएससी अभ्यर्थियों का कहना है कि सिर्फ एक परीक्षा रद्द की गई है जबकि दूसरे और तीसरे शिफ्ट की परीक्षा भी रद्द होनी चाहिए क्योंकि दोनों शिफ्ट के क्वेश्चन सोशल मीडिया पर परीक्षा के दिन से ही वायरल हो रहे हैं। अभ्यर्थी इस बात से भी नाराज दिखे कि तेजस्वी यादव जब विपक्ष में थे तो उन्होंने पेपर लीक के बाद पुनर परीक्षा आयोजित कराने में अभ्यर्थियों को भत्ता देने की बात कहते थे, 1000000 सरकारी नौकरी देने की बात करते थे लेकिन अभी के समय लंबे समय बाद बीएसएससी सीजीएल 3 की परीक्षा ली गई उसमें भी क्वेश्चन लीक हो गया और तेजस्वी यादव अब तक इस मामले पर चुप्पी साधे हुए हैं।
पटना में परीक्षा रद्द कराने को लेकर प्रदर्शन कर रहे BSSC अभ्यर्थियों पर पुलिस के लाठी चार्ज को लेकर सियासी बयानबाजी भी शुरू हो गयी। वहीं पत्रकारों ने जब ललन सिंह से इसको लेकर सवाल किया तो वे भड़क गए और कहा कि “पहली बार लाठी चार्ज हुआ क्या, होता ही रहता है. यह कोई नई बात नहीं है”। ललन सिंह ने आगे कहा कि लाठीचार्ज कहां हुई है, इसकी मुझे जानकारी नहीं है। ललन सिंह ने कहा कि लोकतांत्रिक तरीके से सभी को अपना विरोध दर्ज करने का अधिकार है। लेकिन कोई कानून तोड़ेगा तो कानून को स्थापित करना ही पड़ेगा। बीजेपी नेताओं के बयान पर ललन सिंह ने कहा कि एक तरफ जंगलराज है, तो दूसरी तरफ कानून का राज स्थापित किया गया तो भी सवाल किया जा रहा। बीजेपी नेता कौन सा राज खोज रहे हैं।
लेकिन अफसोस बात है कि बिहार में प्रदर्शनकरी चाहे वह छात्र हों या शिक्षक सभी पर नीतीश सरकार की पुलिस लाठियां बरसाती रहती है, और कभी किसी पुलिस पर सरकार कोई करवाई नहीं करती।