तिरहुत डेस्क (नई दिल्ली)। शराब पर जब से बिहार में पाबन्दी लगी थी उस समय से लेकर आज तक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपोजिशन और अन्य दलों के नेताओं के निशाने पर रहे हैं। कई बार तो ऐसा देखा गया है कि उन के साथ गठबन्धन में रहने वाली राजनीतिक पार्टियों ने उन पर शराब बन्दी ख़तम करने का दबाव बनाया। लेकिन नीतीश कभी अपने फैसले से पीछे नहीं हटे। आज एक बार फिर भाजपा के अलावा उनके सहयोगी दल के कांग्रेसी नेता ने भी शराब बन्दी पर सवाल उठाया है, उसके अलावा नीतीश कुमार के रणनीतिकार रहे प्रशांत किशोर भी अपने पद यात्रा के माध्यम से शराब बन्दी पर सवाल उठा रहे हैं। इन सब के बावजूद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर साफ लहजे में कह दिया है कि लोग कुछ भी कह ले लेकिन बिहार में किसी भी हालत में शराबबंदी खत्म नहीं होगी। नीतीश ने कहा कि महिलाओं के मांग पर बिहार में शराबबंदी कानून लागू किया गया, जिसका लाभ मिल रहा है।
रविवार को पटना में आयोजित जेडीयू के खुले अधिवेशन में मुख्यमंत्री ने शराबबंदी को बरकरार रखने का नीतीश ने ऐलान कर दिया। उन्होंने खुले मंच से कह दिया कि चाहे कुछ भी हो जाए बिहार में शराबबंदी कानून लागू रहेगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि शराब पीकर कोई भी इंसान हैवान बन जाता है। कुछ लोग दारू पीकर खुद को बड़ा आदमी समझने लगते हैं। महिलाओं की मांग पर ही शराबबंदी लागू की, इसका फायदा भी हुआ है। बिहार में शराबबंदी खत्म नहीं होगी।
विदित हो कि बिहार में शराबबंदी कानून को असफल बताकर विपक्ष से लेकर सत्ताधारी दल के नेता लगातार इसकी समीक्षा की मांग कर रहे हैं। बीजेपी ने कहा है कि शराबबंदी के कारण बिहार को हजारों करोड़ के राजस्व की क्षति हो रही है। वहीं एनडीए के सहयोगी दलों का कहना है कि नीतीश कुमार की शराबबंदी विफल है। लेकिन इन सब के बावजूद नीतीश कुमार अपने फैसले पर अडिग हैं।