तिरहुत डेस्क (नई दिल्ली)। जनसुराज पद यात्रा के 72 वें दिन प्रशांत किशोर ने ढाका प्रखंड के लोगों से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनी। 72 वें दिन की पद यात्रा से पूर्व पिके ने रूपहरा हाई स्कूल में प्रेस कॉन्फ्रेंस किया। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में पिके ने कहा कि जन सुराज पद यात्रा का उद्देश्य शिक्षा, कृषि और रोजगार के मामले में बिहार की दयनीय स्थिति को बेहतर बनाना है। उन्होंने कहा कि इन तीनों क्षेत्रो में बिहार की बदहाली की मुख्य जिम्मेदार जदयू और राजद है, क्यूंकि इन्ही दोनों ने पिछले तीस पैंतीस वर्षों से यहां साशन किया है। शिक्षा की बदहाली पर उन्होंने कहा कि बिहार के सरकारी स्कूलों में कहीं शिक्षक नदारद तो कहीं स्कूल की बिल्डिंग नदारद और कहीं पर यह दोनों कुछ हद तक बेहतर है तो बच्चे नदारद हैं, स्कूलों में शिक्षा के नाम पर खाना पूर्ति हो रही है, पिके ने कहा कि हमारा मंसूबा है कि बिहार के हर प्रखंड में एक विश्वविद्यालय हो और सभी बच्चों को सरकारी स्कूलों में ही बेहतर शिक्षा मिले। वहीं कृषि के बारे में पीके ने कहा कि कृषि प्रधान माने जाने वाला राज्य बिहार के किसान बदहाल है, किसानों को बीज, खाद और सिंचाई की उचित व्यवस्था सरकार से मुहैय्या नहीं है। भूमिहीनों की संख्या बिहार में सबसे ज्यादा है। ग्रामीण बिहार में करीब 60% लोग ऐसे हैं जिनके पास एक धुर भर जमीन भी नहीं है। आगे प्रशांत ने कहा करीब 55 प्रतिशत बिहारियों के पास 1 इंच जमीन नहीं है और यह स्थिति तब है जब बीते 30-35 साल से शासन करने वाले लोग समाजवादी विचारों से हैं। वहीं रोजगार की बदहाली पर भी उन्होंने कहा कि यहां के लोग विवश होकर बाहर मजदूरी करने जाते हैं क्योंकि यहां रोजगार का साधन नहीं है, जबकि यहां बेहतर रोजगार का साधन उपलब्ध कराना कोई मुश्किल नहीं है राज्य सरकार को उदासीनता के कारण यहां के लोग मजदूरी के लिए पलायन करते हैं।
जन सुराज पदयात्रा में हो रहे आर्थिक खर्च पर बोलते हुए पिके ने कहा कि देश में 6 ऐसे बड़े राज्य है जहां मुख्यमंत्री बनाने में हमने कंधा लगाया है, उनकी मदद से यह पड़ यात्रा संभव हो पा रहा है। जन सुराज जल्द देश का सबसे बड़ा क्राउडफंडिंग का प्लेटफार्म बनने जा रहा है। बिहार के जो लोग भी अभियान में मदद करना चाहते हैं, ₹100 या ₹200 अपनी क्षमतानुसार अपने मोबाइल के माध्यम से हमें भेज पाएंगे।