तिरहुत डेस्क (नई दिल्ली)। राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने बुधवार को पेगासस जासूसी विवाद को लेकर आसन के समक्ष तख्तियां लेकर हंगामा कर रहे तृणमूल कांग्रेस के छह सदस्यों को पूरे दिन के लिए सदन से निलंबित कर दिया।
सुबह जब सभापति ने किसानों के मुद्दे पर चर्चा के लिए दिए गए नोटिस स्वीकार करने और अन्य नोटिस खारिज किए जाने के बारे में सूचना दी तो तृणमूल कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के सदस्य आसन के समक्ष आ कर पेगासस जासूसी विवाद पर चर्चा की मांग को लेकर हंगामा करने लगे।
सभापति ने इन सदस्यों से अपने स्थानों पर लौट जाने और कार्यवाही चलने देने की अपील की। उन्होंने कहा कि जो सदस्य आसन के समक्ष आ गए हैं और तख्तियां दिखा रहे हैं, उनके नाम नियम 255 के तहत प्रकाशित किए जाएंगे और उन्हें पूरे दिन के लिए निलंबित कर दिया जाएगा।
इतने पर भी हंगामा नहीं थमा तब सभापति ने आसन की अवज्ञा कर हंगामा कर रहे सदस्यों से नियम 255 के तहत सदन से बाहर जाने को कहा। उन्होंने स्वयं किसी का नाम नहीं लिया और राज्यसभा सचिवालय से इन सदस्यों के नाम देने को कहा।
बाद में संसदीय बुलेटिन में बताया गया कि जिन छह सदस्यों को पूरे दिन के लिए निलंबित किया गया है उनमें तृणमूल की डोला सेन, मोहम्मद नदीमुल हक, अबीर रंजन विश्वास, शांता छेत्री, अर्पिता घोष एवं मौसम नूर शामिल हैं।
बुलेटिन में कहा गया, ‘‘राज्यसभा के ये सदस्य तख्तियां लेकर आसन के समक्ष आ गये, आसन की आज्ञा का पालन नहीं किया और आज सुबह उनका आचरण पूरी तरह से अनुचित था। सभापति ने उन्हें नियम 255 के तहत सदन से बाहर निकल जाने के लिए कहा था।’’
इसमें कहा गया कि ये छह सदस्य दिन की शेष बैठक में भाग नहीं लेंगे।
सदन में व्यवस्था बनते नहीं देख उन्होंने 11 बज कर करीब 15 मिनट पर बैठक दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
गौरतलब है कि नियम 255 के तहत नाम लिए जाने पर सदस्यों को पूरे दिन के लिए सदन की कार्यवाही से निलंबित कर दिया जाता है।
यह भी पढ़े:बीजेपी को झटका, पेगासस जासूसी मामले में नीतीश ने की जांच की मांग