Saturday, September 21, 2024

दिल्ली आबकारी नीति घोटाले में सीबीआई ने सिसोदिया को किया तलब

तिरहुत डेस्क (नई दिल्ली)। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को आबकारी नीति घोटाले की जांच में शामिल होने के लिए सोमवार को तलब किया है। अधिकारियों ने सिसोदिया को सोमवार सुबह 11 बजे मुख्यालय में पेश होने के लिए कहा है। सीबीआई ने अपनी एफआईआर में सिसोदिया को आरोपी नंबर वन बनाया है।

समन मिलने के तुरंत बाद, सिसोदिया ने एजेंसी की आलोचना करते हुए एक ट्वीट किया।

सिसोदिया ने लिखा, उन्होंने मेरे घर पर 14 घंटे छापेमारी की, उन्हें कुछ नहीं मिला। उन्होंने मेरे लॉकर की तलाशी ली। वहां से भी कुछ नहीं मिला। वे मेरे गांव गए लेकिन खाली हाथ लौट आए। अब उन्होंने मुझे जांच में शामिल होने के लिए बुलाया है। मैं अपना बयान दर्ज कराने सीबीआई मुख्यालय जाऊंगा। मैं 11 बजे तक वहां पहुंच जाऊंगा। मैं पूरी तरह सहयोग करूंगा।

सिसोदिया के खिलाफ एफआईआर आईपीसी की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश) और 477-ए (खातों की जालसाजी) के तहत दर्ज की गई थी। सिसोदिया पर आरोप है कि शराब कारोबारियों को कथित तौर पर 30 करोड़ रुपये की छूट दी गई। लाइसेंस धारकों को उनकी इच्छा के अनुसार विस्तार दिया गया। आबकारी नियमों का उल्लंघन कर नए नियम बनाए गए।

यह भी कहा गया कि सिसोदिया और कुछ शराब कारोबारी शराब लाइसेंसधारियों से वसूले गए अनुचित आर्थिक लाभ पाने में सक्रिय रूप से शामिल थे, जो इस मामले में भी आरोपी हैं।

उसके अनुसार दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, तत्कालीन आयुक्त (आबकारी) अरवा गोपी कृष्णा, तत्कालीन उपायुक्त (आबकारी) आनंद तिवारी और सहायक आयुक्त (आबकारी) पंकज भटनागर ने वर्ष 2021-22 के लिए आबकारी नीति से संबंधित निर्णय लेने और बिना लाइसेंसधारी पोस्ट टेंडर को अनुचित लाभ देने के इरादे से फैसले लेने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

सीबीआई इस मामले में अब तक दो गिरफ्तारियां कर चुकी है। एजेंसी ने पिछले सोमवार को इस मामले में हैदराबाद के अभिषेक बोइनपल्ली को गिरफ्तार किया था।

जांच के दौरान बोइनपल्ली का नाम सामने आया। उसे दिल्ली में जांच में शामिल होने के लिए बुलाया गया था। बताया जा रहा है कि उसने पूछताछ में सहयोग नहीं किया, बल्कि सीबीआई को गुमराह करने की कोशिश की।

सूत्र ने कहा, एफआईआर में बोइनपल्ली का नाम नहीं था।

दिल्ली में जोर बाग स्थित व्यवसायी विजय नायर, सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए जाने वाला पहला व्यक्ति था। बाद में, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने समीर महेंद्रू को गिरफ्तार किया, जो नायर का कथित सहयोगी है।

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