तिरहुत डेस्क (नई दिल्ली)। बिहार के मुखिया अब बॉडीगार्ड के साथ चलेंगे। उनकी सुरक्षा को लेकर सरकार ने अब उनकी सुरक्षा को लेकर नियमों में बदलाव करने का निर्णय लाई है। उल्लेखनीय है कि बिहार में पिछले साल के अंत में हुए पंचायत चुनाव के बाद निर्वाचित कई नव निर्वाचित मुखिया की हत्या हो चुकी है। इस कारण सरकार ने अब मुखियाओं की सुरक्षा को लेकर नियमों में बदलाव करने का फैसला लिया है।
बिहार के पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि जनप्रतिनिधियों की सुरक्षा को लेकर सरकार गंभीर है। राज्य में त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के बाद से कई मुखिया और अन्य त्रिस्तरीय पंचायत से जुड़े प्रतिनिधियों की हत्या हो चुकी है।
चौधरी ने कहा है कि गृह विभाग की तरफ से 13 बिंदुओं पर निर्देश जारी किये गये हैं। आपराधिक घटना में मुखिया की हत्या होने पर विशेष जांच तीन (एसआइटी) का गठन किया गया है और कार्रवाई भी लगातार की जा रही है। मंत्री ने कहा कि इन सभी मामलों में तीन महीने में जांच रिपोर्ट अदालत में सौंप दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि रिपोर्ट के आधार पर स्पीडी ट्रायल कराया जाएगा। हर हाल में अगले तीन महीने में सजा दिलाई जाएगी।
मंत्री ने कहा कि मुखिया अपनी सुरक्षा के लिए जिला में बनी सुरक्षा समिति से भी अपनी सुरक्षा को लेकर अपनी बात रख सकेंगे। इसके बाद अगर जरूरत पड़ी तो जरूरत उन्हें सुरक्षाकर्मी मुहैया कराये जायेंगे।
सम्राट चौधरी ने साफ लहजे में कहा कि जनप्रतिनिधियों की हत्या के बाद मामले की जांच एसआईटी द्वारा किया जाएगा, जिसका नेतृत्व पुलिस उपाधीक्षक स्तर के अधिकारी करेंगे। तीन माह के अंदर जांच को पूरा कर स्पीडी ट्रायल चलाकर सजा करानी है।
उन्होंने कई मामलों का उदाहरण भी देते हुए कहा कि आरोपियों की गिरफ्तारी हो रही है और जो आरोपी फरार हैं, उनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है।