तिरहुत डेस्क (नई दिल्ली)। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में धान अधिप्राप्ति को लेकर समीक्षा बैठक की और अधिकारियों को कई आवश्यक निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को कहा कि धान अधिप्राप्ति का कार्य तेजी और बेहतर ढंग से करें, जिससे किसानों को किसी प्रकार की दिक्कत न हो।
समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार किसानों की हर संभव सहायता के लिए तत्पर रहती है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि कृषि कार्य से जुड़े हुए लोगों को धान अधिप्राप्ति में किसी प्रकार की असुविधा नहीं हो, इसका विशेष ध्यान रखा जाए।
धान के अनुमानित उत्पादन के अनुसार ही धान अधिप्राप्ति का जिलेवार लक्ष्य रखने का निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि धान अधिप्राप्ति कार्य में गड़बड़ी करने वालों पर भी नजर रखी जाए।
बैठक में खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के सचिव डॉ. एन. सरवन कुमार ने कहा कि खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 के तहत इस बार सामान्य ग्रेड के धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2,300 रुपये प्रति क्विंटल रखा गया है। धान अधिप्राप्ति की प्रस्तावित अवधि 1 नवंबर 2024 से 15 फरवरी 2025 तक है। चरणबद्ध तरीके से धान अधिप्राप्ति की प्रक्रिया शुरू की गई है और इस वर्ष धान अधिप्राप्ति का लक्ष्य 45 लाख मीट्रिक टन है।
राज्य में उसना चावल मिलों की संख्या बढ़कर 360 हो गई है। बैठक में सहकारिता विभाग के सचिव धर्मेंद्र सिंह ने भी धान अधिप्राप्ति की कार्य योजना के बारे में जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि प्रथम चरण में राज्य के 19 जिलों में शुक्रवार से धान अधिप्राप्ति शुरू कर दिया गया है। जबकि, बाकी बचे जिलों में 15 नवंबर से धान अधिप्राप्ति का कार्य शुरू कर दिया जाएगा। बैठक में सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेम कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार सहित कई अधिकारी मौजूद थे।