Sunday, October 6, 2024

बिहार : वीरपुर बराज पर कोसी का जलस्राव घटा, गंडक, बागमती व महानंदा में उफान, 10 लाख लोग प्रभाव‍ित

तिरहुत डेस्क (नई दिल्ली)। बिहार में गंडक, कोसी, महानंदा, बागमती नदियां उफान पर हैं। हालांकि वीरपुर बराज के पास कोसी का जलस्राव कम हुआ है।

जल संसाधन विभाग के मुताबिक, वीरपुर बैराज के पास कोसी का जलस्राव सोमवार सुबह 10 बजे 2,54,385 क्यूसेक था, जो दो बजे दिन में घटकर 1,92,645 क्यूसेक पहुंच गया। सोमवार 10 बजे गंडक बराज, वाल्मीकिनगर से 1,55,600 क्यूसेक जलस्राव प्रवाहित हो रहा था, जो दो बजे दिन में बढ़कर दो बजे 1,66,600 क्यूसेक पहुंच गया।

इधर, बिहार की सभी प्रमुख नदियां उफान पर हैं और खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। जल संसाधन विभाग के अधिकारी एवं अभियंता संवेदनशील स्थलों पर कैंप कर रहे हैं। विभाग के मुताबिक, गंगा नदी गांधी घाट, हाथीदह, कहलगांव में खतरे के निशान से ऊपर है, जबकि गंडक डुमरियाघाट और रेवा घाट में लाल निशान से ऊपर है। कोसी नदी कुरसेला और बलतारा, बागमती ढेंग, सोनाखान, डूबाधार, कंसार, कटौंझा और बेनीबाद में, बूढ़ी गंडक खगड़िया में तथा कमला बलान जयनगर और झंझारपुर रेल पुल के पास खतरे के निशान से ऊपर है। महानंदा भी उफान पर है। वह ढेंगरा घाट पर खतरे के निशान के ऊपर बह रही है। नदियों के जलस्तर में वृद्धि के बाद बाढ़ का पानी नए इलाकों में फैल रहा है। कई इलाकों में स्थिति बिगड़ गई है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। उल्लेखनीय है कि नेपाल में भारी बारिश होने के बाद बिहार की नदियों के जलस्तर में वृद्धि हो गई है। कई तटबंध क्षतिग्रस्त हो गए हैं।

बाढ़ से 55 प्रखंडों की करीब 10 लाख की आबादी प्रभावित है। आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक, बिहार के 16 जिलों पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, अररिया, किशनगंज, गोपालगंज, शिवहर, सीतामढ़ी, सुपौल, सिवान, मधेपुरा, मुजफ्फरपुर, पूर्णिया, मधुबनी, दरभंगा, सारण एवं सहरसा के 55 प्रखंडों में 269 ग्राम पंचायतों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर चुका है।

जल संसाधन विभाग के मुताबिक, चार जिलों में सात स्थानों पर तटबंध टूटने की खबर है। बाढ़ से प्रभावित लोगों को एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की मदद से सुरक्षित स्थानों पर लाया जा रहा है। एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ की 15- 15 टीमों को तैनात किया गया है। इसके अतिरिक्त वाराणसी एवं रांची से एनडीआरएफ की तीन – तीन टीमों को बुलाया गया है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जिला प्रशासन द्वारा 127 सामुदायिक रसोई केंद्र का संचालन किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त 71 राहत शिविरों का भी संचालन किया जा रहा हैं। बाढ़ प्रभावित लोगों के बीच अब तक लगभग 30,600 पॉलीथीन शीट एवं लगभग 25,600 ड्राई राशन पैकेट का वितरण किया गया है। लोगो को सुरक्षित स्थान पर लाने के लिए और आवागमन को सुगम बनाने के लिए कुल 800 नावों का परिचालन कराया जा रहा है।

बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में लोगों के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए पर्याप्त दवाओं के साथ चिकित्सकों की प्रतिनियुक्ति की गई है। बाढ़ प्रभावित इलाकों में बोट एंबुलेंस का भी परिचालन किया जा रहा है। पशुओं के लिए दवा एवं चारा की पर्याप्त व्यवस्था की जा रही है।

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