तिरहुत डेस्क (नई दिल्ली)। बिहार में गंगा सहित सभी प्रमुख नदियों का जलस्तर एक बार फिर बढ़ गया है। इससे कई इलाकों में बाढ़ की समस्या उत्पन्न हो गई है। राजधानी पटना और भागलपुर में गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। इस बीच शिक्षा विभाग ने जिलाधिकारियों को बाढ़ की समस्या देखते हुए स्कूलों में छुट्टी करने की आजादी दे दी है।
जल संसाधन विभाग के मुताबिक, शनिवार को गंगा नदी पटना के गांधी घाट और हाथीदह में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। भागलपुर के कहलगांव में भी गंगा के लाल निशान से ऊपर है। इस बीच, भागलपुर जिले में बिंदटोली तटबंध के क्षतिग्रस्त होने के बाद बाढ़ प्रभावित गांवों में परेशानी बढ़ गई है।
इसके अलावा गंडक, कोसी, बागमती, बूढ़ी गंडक और घाघरा भी कई स्थानों पर लाल निशान से ऊपर बह रही है। घाघरा जहां सीवान के दरौली में खतरे के निशान से ऊपर है, वहीं बागमती मुजफ्फरपुर के बेनीबाद में खतरे के निशान को पार कर गई है। कोसी नदी खगड़िया के बलतारा और कुर्सेला में तथा गंडक नदी डुमरिया घाट में खतरे के निशान से ऊपर है। कोसी नदी का बीरपुर बैराज के पास जलस्राव शनिवार को 1,45,590 क्यूसेक पहुंच गया है। वाल्मीकिनगर बराज में गंडक का जलस्राव 1,50,200 क्यूसेक रिकाॅर्ड किया गया।
इस बीच, शिक्षा विभाग ने सभी जिलों को आदेश जारी किया। जिलाधिकारियों को दियारा इलाके में स्थित स्कूलों के शिक्षकों के लिए नाव के साथ साथ लाइफ जैकेट उपलब्ध कराने का निर्देश दिया जा चुका है। शनिवार को शिक्षा विभाग ने जिलाधिकारियों को यह अधिकार दे दिया है कि बाढ़ की स्थिति को देखते हुए वे अपने जिलों में स्कूलों को बंद करने का आदेश जारी कर सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि पटना के दानापुर गंगा घाट पर शुक्रवार को स्कूल जाने के दौरान बीपीएससी शिक्षक अविनाश कुमार गंगा की तेज धारा में बह गए थे, इससे उनकी मौत हो गई थी। अविनाश नाव पर सवार होकर स्कूल जा रहे थे।