तिरहुत डेस्क (नई दिल्ली)। अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति आरक्षण में क्रीमीलेयर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ बुधवार को दलित और आदिवासी संगठनों ने भारत बंद का आह्वान किया है। बिहार में बंद समर्थक सुबह से ही सड़कों पर उतर गए हैं। इसका मिला जुला असर देखा जा रहा है। इस बंद को कई राजनीतिक दलों ने समर्थन दिया है।
जहानाबाद, वैशाली और शेखपुरा में बंद समर्थकों ने सड़कों पर उतरकर आवागमन बाधित करने की कोशिश की। जहानाबाद में बंद समर्थकों ने सड़कों पर उतरकर नेशनल हाईवे जाम करने की कोशिश की। इसके बाद पुलिस ने बल प्रयोग कर प्रदर्शनकारियों को सड़क से हटाया और आवागमन शुरू करवाया।
औरंगाबाद के रफीगंज में भीम आर्मी भारत बंद को सफल बनाने के लिए सड़क पर उतरी। सहरसा में भी लोग सड़कों पर उतर गए हैं और कोर्ट के फैसले के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रशासन स्थिति पर नजर बनाए हुए है और किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए तैयार है।
पुलिस को संवेदनशील इलाकों में तैनात किया गया है और गश्त तेज कर दी गई है। हाजीपुर और मुजफ्फरपुर में भी राजद और अन्य बंद समर्थक संगठनों के कार्यकर्ता सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं।
इस बंद का राष्ट्रीय जनता दल और विकासशील इंसान पार्टी सहित कई राजनीतिक दलों ने समर्थन दिया है।
इधर, बंद को देखते हुए पुलिस गश्त तेज कर दी गई है। पटना जिला प्रशासन ने बंद में शामिल होने वालों से शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन करने का आग्रह किया है। प्रशासन ने कहा है कि किसी भी प्रकार की अव्यवस्था बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जोर-जबरदस्ती करने वालों, यातायात बाधित करने वालों, लोक–व्यवस्था एवं आम जनजीवन को प्रभावित करने वालों के साथ सख्ती से निपटा जाएगा। ऐसे लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
सभी पुलिस अधीक्षकों, अनुमंडल पदाधिकारियों, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारियों एवं थानाध्यक्षों को ऐसे तत्वों से सख्ती से निपटने का निर्देश दिया गया है।