Monday, November 25, 2024

संजय झा ने एससी-एसटी कोटे में क्रीमी लेयर लागू नहीं करने के फैसले का किया स्वागत

तिरहुत डेस्क (नई दिल्ली)। जनता दल यूनाइटेड के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने शनिवार को पटना में पत्रकारों से बातचीत के दौरान विभिन्न मुद्दों पर अपनी बात रखी।

उन्होंने केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा एससी/एसटी कोटे में क्रीमी लेयर लागू नहीं करने के फैसले पर कहा, “हम इसका स्वागत करते हैं। बिहार में नीतीश कुमार महादलित बनाकर पहले ही इस बात का संदेश दे चुके हैं कि हमारी सरकार दलितों के हितों पर किसी भी प्रकार का कुठाराघात नहीं होने देगी।”

बता दें कि शुक्रवार को बीजेपी सांसदों ने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की थी और उनसे इस संबंध में विस्तार पूर्वक बात की थी। प्रधानमंत्री ने सभी सांसदों को आश्वस्त किया था कि जब तक केंद्र में मोदी की सरकार है, तब तक दलितों को मिलने वाले आरक्षण में किसी भी प्रकार की आंच नहीं आएगी। बीजेपी सांसदों ने इस संबंध में प्रधानमंत्री को ज्ञापन भी सौंपा था। जिसमें दलितों की मौजूदा स्थिति के बारे में विस्तार पूर्वक बताया गया था।

इस बीच, उनसे मनीष सिसोदिया को मिली जमानत के बारे में भी सवाल किया गया।

इस पर उन्होंने सवालिया लहजे में कहा, “आखिर मैं इस पर क्या टिप्पणी कर सकता हूं। न्यायालय में मामला विचाराधीन है। ऐसी स्थिति में मुझे नहीं लगता कि इस पर किसी भी प्रकार की टिप्पणी पत्रकारों से बातचीत के दौरान देना उचित है।”

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को मनीष सिसोदिया को दिल्ली आबकारी नीति घोटाला मामले में जमानत दे दी। जिसे आम आदमी पार्टी ने सत्य की जीत बताया है।

इसके अलावा, उन्होंने वक्फ बिल को लेकर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा, “इस बिल की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति का गठन किया गया है। जिसमें इस बिल पर विस्तारपूर्वक चर्चा की जाएगी और आगे की रूपरेखा इसी दौरान तैयार की जाएगी।”

बता दें, बीते दिनों केंद्र सरकार ने लोकसभा में वक्फ बिल पेश किया। यह बिल वक्फ अधिनियम 1995 में संशोधन करने के मकसद से लाया गया है। यह अधिनियम भारत में वक्फ संपत्तियों को नियंत्रित करता है। अब इसमे पारदर्शिता लाने के लिए यह बिल लाया गया है, जिसमें संशोधन का प्रस्ताव रखा गया है। इस संशोधन बिल का कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दल विरोध कर रहे हैं। इसी संबंध में जब उनसे सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा कि इसके लिए केंद्र सरकार की ओर से संयुक्त संसदीय समिति का गठन किया गया है, जहां इसमें विस्तार पूर्वक चर्चा की जाएगी।

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