तिरहुत डेस्क (नई दिल्ली)। बिहार की राजधानी पटना समेत पूरे प्रदेश में भीषण गर्मी का प्रकोप है। गर्मी की वजह से लोग बेहाल हैं। भीषण गर्मी की वजह से प्रदेश में कई लोगों की मौत भी हो गई है। बिहार के कई जिलों में अधिकतम तापमान 47 डिग्री सेल्सियस के पार है। राजधानी पटना की अगर हम बात करें तो यहां पारा 43 डिग्री के आसपास है।
भीषण गर्मी के चलते रोजमर्रा के काम करने वालों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। गर्मी को लेकर आईएएनएस ने लोगों से बात कर उनकी परेशानियों और समस्याओं के बारे में जाना। रिक्शा चालक विनोद कुमार ने बताया कि पहले वह हर रोज दो से तीन सौ रुपए तक कमाते थे, लेकिन गर्मी की वजह से लोग अब अपने घरों से बाहर बहुत कम निकल रहे हैं। इसलिए कमाई अब घटकर डेढ़ सौ से दो सौ रुपए हो गई है।
पूरा बिहार इन दिनों भीषण गर्मी और लू की चपेट में है। गर्मी के चलते बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक बीमार पड़ रहे हैं। हालात को देखते हुए बिहार सरकार ने सभी अस्पतालों को अलर्ट मोड में रहने का निर्देश दिया है। अत्यधिक गर्मी और कई जिलों में तापमान 46 डिग्री सेल्सियस पहुंचने के चलते आठ जून तक प्रदेश के सभी शिक्षण संस्थानों को बंद करने का फैसला लिया गया है।
बिहार के मुख्य सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने गुरुवार को सभी जिलों के पदाधिकारियों को एक पत्र लिखकर कहा था कि बिहार के अधिकांश जिले पिछले कुछ दिनों से अप्रत्याशित भीषण गर्मी के साथ-साथ लू के प्रकोप में है। गया, औरंगाबाद, कैमूर जैसे जिलों में तापमान 46 डिग्री सेल्सियस से भी ज्यादा दर्ज किया जा रहा है। यही स्थिति कमोबेश अन्य सभी जिलों की भी है।
बुधवार को आपदा प्रबंधन समूह की बैठक में भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के प्रतिनिधि द्वारा यह अनुमान लगाया गया कि ऐसी स्थिति आठ जून तक बने रहने की संभावना है। ऐसे में यह निर्णय लिया गया है कि सभी सरकारी एवं निजी विद्यालय (कोचिंग संस्थान सहित) एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों में 8 जून तक शिक्षण कार्य बंद रखा जाए, ताकि गर्मी के प्रकोप से बच्चों को बचाया जा सके।