तिरहुत डेस्क (नई दिल्ली)। दिल्ली में डेंगू का खतरा थमने का नाम नहीं ले रहा है। दक्षिणी दिल्ली नगर निगम द्वारा साझा की गई रिपोर्ट के अनुसार, इस वर्ष अब तक 723 मामले दर्ज किए गए हैं। हालांकि दिल्ली में डेंगू से होने वाली पहली मौत भी दर्ज की गई है। वहीं अकेले अक्टूबर महीने की 16 तारीख तक ही डेंगू के कुल 382 मरीज सामने आए हैं। वहीं दिल्ली में मलेरिया के 142 मामले सामने आये हैं और चिकनगुनिया के 69 मामले दर्ज किए गए हैं।
हालांकि, दिल्ली में मलेरिया और चिकनगुनिया से अब तक किसी मरीज की मौत नहीं हुई है।
यदि हम पिछले कुछ वर्षों में बात करें तो 2016 और 2017 में डेंगू के कारण 10-10 मौतें हुई थीं। वहीं 2018, 2019 और 2020 में 4, 2 और 1 मौत हुई थी।
दरअसल गर्मी और बारिश के मौसम में डेंगू, मलेरिया ज्यादा फैलता है। डेंगू से संक्रमित होने पर प्लेटलेट्स की संख्या कम होने लगती है।
डेंगू बुखार आने पर सिर, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होने लगता है, वहीं आंखों के पिछले हिस्से में दर्द, कमजोरी, भूख न लगना, गले में दर्द भी होता है।
रिपोर्ट एक अनुसार, दक्षिणी निगम में अब तक कुल 202 मामले सामने आए हैं, वहीं उत्तरी निगम क्षेत्र में 166 और पूर्वी निगम क्षेत्र में 83 मरीजों के मामले दर्ज किए गए हैं।
हालांकि नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी) क्षेत्र में 21, दिल्ली कैंट में 13 मरीज तो वहीं 235 मरीजों के पते की पुष्टि नहीं हो सकी है।
दरअसल डेंगू के मच्छर साफ और स्थिर पानी में पैदा होते हैं, जबकि मलेरिया के मच्छर गंदे पानी में भी पनपते हैं।
यदि इस साल में अब तक मामलों की बात करें तो दिल्ली में जनवरी महीने में डेंगू का कोई मामला सामने नहीं आया था, वहीं फरवरी में 2, मार्च में 5, अप्रैल में 10 मामले दर्ज किए गए थे।
इसके अलावा मई महीने में 12 मामले सामने आये तो जून महीने में 7, जुलाई में 16, अगस्त महीने में 72 मामले सामने आए और सितंबर महीने में 217 दर्ज किए गए थे।
दरअसल डेंगू व चिकनगुनिया के मच्छर ज्यादा दूर तक नहीं जाते हैं। हालांकि जमा पानी के 50 मीटर के दायरे में रहने वाले लोगों के लिए परेशानी हो सकती है।