Friday, September 20, 2024

असम में निहत्थे नागरिकों पर पुलिसिया बर्बरता की जांच और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग

तिरहुत डेस्क (नई दिल्ली)। पिछले दिनों असम के दारंग जिले में निहत्थे नागरिकों पर कथित तौर पर पुलिस बर्बरता और मौत के मामले में जमाअत इस्लामी हिंद ने नाराजगी जताई और पूरे मामले की निष्पक्ष जांच और दोषी अफसरों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है। बीते रविवार इस मामले पर जमाअत इस्लामी हिंद, जमीअत उलेमा ए हिंद और स्टूडेंट इस्लामिक ऑगेर्नाइजेशन के एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने रविवार को असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सर्मा से मुलाकात की थी।

असम दौरे से लौटने के बाद मीडिया के साथ जानकारी साझा की गई। जमाअत इस्लामी हिंद के मुताबिक, प्रभावित होने वाले परिवारों को खेती के लिए एक एकड़ जमीन और घर बनाने के लिए एक बीघा जमीन साथ ही शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी बुनियादी जरूरतों को भी उपलब्ध कराया जाए।

प्रतिनिधि मंडल ने यह भी मांग की है कि, मृतक और विस्थापित परिवारों को उचित मुआवजा भी दिया जाए।

प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से अपना विरोध दर्ज कराते हुए कहा कि कमजोर और निहत्थे नागरिकों को जिस प्रकार पुलिस के द्वारा बल प्रयोग कर विस्थापित किया गया है वह किसी भी लोकतांत्रिक राज्य के लिए बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है।

संगठन के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने भरोसा दिया है कि सभी प्रभावित राज्य के शहरी हैं और उनके साथ अन्याय कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा।

दरअसल पिछले दिनों दरांग जिले के धौलपुर गांव में नदी के किनारे आबाद लगभग 900 परिवारों को सरकार के द्वारा विस्थापित किया गया था। हालांकि सरकार के अनुसार ऐसा अदालत के आदेश पर हुआ।

वहीं प्रतिनिधिमंडल के अनुसार विस्थापन की प्रक्रिया ठीक प्रकार से नहीं हुई, किसी स्थान पर काफी समय से रहते आए नागरिकों को विस्थापित करने से पूर्व विकल्प के रूप में उनके घर, भोजन और स्वास्थ्य जैसी व्यवस्था करना सरकार की जिम्मेदारी होती है।

परिवारों को विस्थापित करने का काम 25 हजार एकड़ में ऑर्गनाइज फामिर्ंग के प्रोजेक्ट को अमल में लाने के लिए किया गया है।विस्थापित आबादी इस भूमि के एक प्रतिशत से भी कम हिस्से पर आबाद थी।

मुख्यमंत्री से मिलने गए प्रतिनिधिमंडल में जमाअत इस्लामी हिन्द के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एस अमीनुल हसन, जमीअत उलेमा ए हिन्द के जनरल सेक्रेटरी मौलाना हकीमुद्दीन कासमी, जमाअत इस्लामी हिन्द के राष्ट्रीय सचिव जनाब शफी मदनी, स्टूडेंट्स इस्लामिक ऑर्गनाइजेशन ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहम्मद सलमान अहमद और अन्य लीडर शामिल थे।

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