तिरहुत डेस्क (नई दिल्ली)। लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) में टूट के बाद सोमवार को पार्टी के संस्थापक दिवंगत नेता रामविलास पासवान के जन्मदिन के मौके पर दोनों गुट ने अपना शक्ति प्रदर्शन किया। सांसद चिराग पासवान ने जहां अपने पिता और पार्टी नेता रामविलास की कर्मभूमि हाजीपुर से ‘आशीर्वाद यात्रा’ की शुरुआत की, वहीं दूसरे गुट के नेतृत्व कर रहे सांसद पषुपति कुमार पारस ने पटना में पार्टी कार्यालय में पासवान की जन्मदिन मनाई।
बिहार के हाजीपुर में आशीर्वाद यात्रा के दौरान लोजपा नेता चिराग पासवान ने कहा, “पशुपति कुमार पारस मेरे लिए पिता समान हैं। मैं अपने पिता (रामविलास पासवान) की छवि उनमें देखता हूं। पिता के जाने के बाद आज जब मुझे उनकी सबसे ज्यादा जरूरत थी, तब वे मेरे साथ नहीं हैं।”
उन्होंने कहा, “मैं उनके दरवाजे तक गया, लेकिन उन्होंने मेरे लिए दरवाजा नहीं खोला। मेरे पिता रामविलास पासवान की मृत्यु के बाद परिवार को एक रखने की जिम्मेदारी मेरे चाचा (पशुपति पारस) की थी, लेकिन उन्होंने पार्टी के साथ-साथ परिवार को भी तोड़ने का काम किया।”
उन्होंने हालांकि यह भी कहा जब चाचा ने साथ छोड़ दिया तो हाजीपुर की जनता ही उनके अभिभावक हैं।
हाजीपुर के सुल्तानपुर में आयोजित समारोह में जुटी भीड़ से उत्साहित चिराग ने कहा, “मैं आप सबके पास आज आशीर्वाद लेने आया हूं। कोई राजनीतिक चर्चा नहीं होगी। 9 महीने भी नहीं हुए कि मेरे चाचा ने खंजर भोंका, इसलिए आज आपके बीच आया हूं। आशीर्वाद का हाथ कभी मेरे सर से उठने मत दीजिएगा। हाजीपुर को पापा मां समान मानते थे। हाजीपुर की वजह से ही पिता जी की पहचान थी।”
पटना-हाजीपुर मुख्य सड़क पर कार्यकर्ताओं ने बाजे-गाजे और घोड़ों के साथ चिराग का स्वागत किया।
इससे पहले, आशीर्वाद यात्रा की शुरुआत के लिए चिराग पासवान पटना पहुंचे। पटना हवाईअड्डे पर हजारों समर्थकों ने चिराग पासवान का सवगत किया। इस दौरन पटना के बाबा अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण के लिए पहुंचे, लेकिन प्रशासन ने इसकी अनुमति नहीं दी। कुछ देर चिराग वहां बैठे, बाद में हाजीपुर के लिए रवाना हो गए।
चिराग इस दौरान अपनी गाड़ी पर खड़े रहे और लोग फूल-मालाओं से उनका स्वागत करते रहे।
इधर, पटना स्थित प्रदेश कार्यालय में पारस गुट द्वारा रामविलास की जयंती मनाई गई। इस मौके पर लोजपा संसदीय दल के नेता पशुपति कुमार पारस ने पासवान के चित्र पर माल्यार्पण कर अपने दिवंगत बड़े भाई को नमन किया।
पारस अपने दिवंगत नेता और अपने बड़े भाई को याद करते हुए पार्टी के कार्यकर्ताओं के बीच भावुक होते हुए कहा कि “दिवंगत नेता की विचारधारा और उनके सिद्धांत को हमसभी लोगों को मिलकर आगे बढ़ाना है।”