Monday, January 20, 2025

के के पाठक की मेहनत जारी रही तो मिसाली बनेगा बिहार का सरकारी स्कूल

तिरहुत डेस्क (नई दिल्ली)। अपर मुख्य सचिव के के पाठक के पदभार संभालने के बाद से ही बिहार का शिक्षा विभाग पूरी तरह सुर्खियों में बना हुआ है। स्कूलों में शिक्षकों की हाजिरी, बच्चों की हाजिरी और शिक्षकों की समय सारणी को को लेकर के के पाठक द्वारा जितनी कड़ाई बरती जा रही है अब तक किसी भी सरकारी स्कूल के शिक्षकों को उतनी कड़ाई का सामना नहीं करना पड़ा था। बिहार के समस्त स्कूलों में केके पाठक द्वारा जिस तरीके से टीम बनाकर निरीक्षण के लिए भेजा जा रहा है ऐसा अब तक कभी नहीं हुआ था। एक तरफ जहां छात्र-छात्राओं के पठन-पाठन की व्यवस्था दुरुस्त होती दिखाई दे रही है वहीं दूसरी तरफ शिक्षकों के लिए केके पाठक का फरमान मुश्किलें पैदा कर रहा है। क्योंकि अब तक बिहार के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की हाजिरी की उदासीनता की एक लंबी दास्तान हैं। अब हर शिक्षक स्कूल के समय सारणी की पूरी तरह से पाबंदी करता दिखाई दे रहा है। के के पाठक भी समय बिहार के विभिन्न जगहों का भ्रमण कर स्कूलों का निरीक्षण करते दिखाई दे रहे हैं।
शिक्षा विभाग की कड़ाई का यही आलम रहा तो बिहार के सरकारी स्कूलों के पठन पाठन का स्तर बुलंद होगा, और बिहार का सरकारी स्कूल अपने शिक्षा प्रणाली की मिसाल पेश करेगा।
शिक्षकों और छात्रों की ऑनलाइन हाजिरी बनाने, क्लास रूपम से शिक्षकों के लिए लगी कुर्सी हटाने,स्कूलों के नियमित निरीक्षण के बाद अब विश्वविद्यालय से जुड़े संबद्ध डिग्री कॉलेजों के लिए नया निर्देश जारी किया है.इसके मुताबिक पढाई नहीं करवाने वाले सम्बद्ध डिग्री कॉलेजों की मान्यता रद्द कर दी जाएगी.इन कॉलेजों को सिर्फ परीक्षा के रिजल्ट के आधार पर अनुदान नहीं दिया जाएगा,बल्कि छात्रों के लिए रोजाना क्लास भी लेना होगा जो कॉलेज ऐसा नहीं करेंगे..उनकी मान्यता रद्द कर दी जाएगी.आदेश का पालन कराने की जिम्मेवारी राज्य के सभी विश्वविद्यालय के कुलपतियों को दी है. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी कुलपतियों के साथ हुई बैठक में केके पाठक ने कहा कि जिस कॉलेज को महज कागजों पर चलाया जा रहा है, उसकी मान्यता रद्द कर दी जाएगी।सम्बद्ध और अल्पसंख्यक कॉलेज में शिक्षकों और छात्र-छात्राओं की उपस्थिति की जानकारी मांगी है. केके पाठक ने कुलपतियों से कहा है कि सभी मान्यता प्राप्त कॉलेज के शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मियों का अटेंडेंस सीट दोपहर तीन बजे तक शिक्षा विभाग को भेजने की व्यवस्था करें.। अटेंडेंस सीट उपलब्ध नहीं किए जाने पर कार्रवाई की जाएगी.इन्हें सिर्फ रिजल्ट के आधार पर अऩुदान नहीं दिया जाय़ेगा बल्कि छात्रों के लिए पढाई का भी इंतजाम करना होगा.केके पाठक के इस आदेश से राज्य के 227 सम्बद्ध कॉलेजों में हड़कंप मचा हुआ है.इन कॉलेजों में आमतौर पर ऐसे छात्रा-छात्राओं का नामांकन रहता है जो प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी के लिए बड़े शहरों में रहतें हैं और स्नातक की डिग्री के लिए यहां नामांकन करवातें हैं.ऐसे कॉलेजो में ये छात्र-छात्रा नामांकन,परीक्षा और रिजल्ट के समय ही जाते हैं.कुछेक छात्र-छात्रा पढाई के लिए कॉलेज जातें हैं पर रोजाना पढाई इक्के दुक्के कॉलेजों में ही होती है.केके पाठक के आदेश से संस्थान के साथ ही उन छात्रा-छात्राओं की भी मुश्किलें बढ़ेगी,क्योंकि अब उन्हें क्लास मे आने के लिए दवाब दिया जाएगा.

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