Thursday, January 16, 2025

चुनाव आयुक्त की नियुक्ति को लेकर बंगाल के राज्यपाल व सरकार में खींचतान तेज

तिरहुत डेस्क (नई दिल्ली)। पश्चिम बंगाल में राज्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति को लेकर राजभवन और राज्य सचिवालय के बीच खींचतान तेज होती दिख रही है, क्योंकि राज्य सरकार द्वारा सुझाए गए नामों को अभी तक राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस के कार्यालय की ओर से स्वीकृति नहीं मिली है। इसके बजाय, गवर्नर हाउस ने अन्य नाम की मांग की है। इस बीच, राज्य में एक प्रशासनिक संकट पैदा हो गया है क्योंकि पूर्व राज्य चुनाव आयुक्त सौरव दास का कार्यकाल सोमवार को समाप्त हो गया। चूंकि राज्यपाल अगले कुछ दिनों के लिए अनुपस्थित रहेंगे, इसलिए इस मामले में अनिश्चितता कुछ और समय तक जारी रहने की उम्मीद है।

प्रारंभ में, सचिवालय ने नए राज्य चुनाव आयुक्त के रूप में पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्य सचिव राजीव सिन्हा के नाम की सिफारिश की थी। हालांकि, सूत्रों ने कहा कि राज्यपाल उस एकमात्र सिफारिश के आधार पर हरी झंडी देने के इच्छुक नहीं थे और उन्होंने राज्य से और सिफारिशें मांगी थीं।

इसके बाद राज्य सरकार ने उत्तर बंगाल विकास विभाग के वर्तमान अतिरिक्त मुख्य सचिव अजीत रंजन बर्धन की अनुशंसा भेजी थी।

दूसरे नाम से भी संतुष्ट नहीं होने पर गवर्नर हाउस ने एक और सिफारिश मांगी है।

राज्य में त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था के लिए इस साल होने वाले चुनाव की पृष्ठभूमि में राज्य चुनाव आयुक्त की खाली कुर्सी को लेकर प्रशासनिक संकट और गहरा गया है।

हालांकि, नौकरशाही हलकों का मत है कि इस मामले में कुछ समय के लिए देरी हो सकती है, अंतत: गवर्नर हाउस को अनुशंसित लोगों में से किसी एक नाम का चयन करना होगा।

नाम न छापने की सख्त शर्त पर एक नौकरशाह ने कहा, राज्य चुनाव आयुक्त के पद के लिए अपनी पसंद पर जोर देने के लिए गवर्नर के लिए ज्यादा प्रावधान नहीं है, जब तक कि राज्य सरकार उस पर सहमत न हो।

यह भी पढ़े: धनबाद हादसे में मारे गये लोगों के परिजनों को पीएम राहत कोष से दो-दो लाख, मोदी ने जतायी संवेदना

Related Articles

Stay Connected

7,268FansLike
10FollowersFollow

Latest Articles